प्रदूषण प्रदूषण हल्ला करने का सबको अधिकार है, परन्तु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार या नागरिक कोई जिम्मेदारी भरा कदम उठाने के लिए तैयार नहीं हैं। अब तो किसानों की पुराली जले भी कई दिन बीत चुके हैं फिर भी प्रदूषण अपने चरम पर है। इसका मतलब साफ है कि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार किस नहीं बल्कि हम और आप हैं।
सरकार तो प्रदूषण कम करने हेतु कोई कार्यवाही करेगी नहीं क्योंकि उसने NGT का गठन कर अपनी जिम्मेदारी निभा दी। NGT और सरकारी कार्यालयों में सरकार ने एयर प्यूरीफायर लगवा दिए जिससे कि उनके अधिकारी प्रदूषण की मार से बच सकें परन्तु सरकार ने यह सुविधा अपने कर्मचारियों को नहीं दी तो आम जनता को तो छोड़ ही दीजिये।
अब कुछ सुझाव प्रदूषण से बचाव और प्रदूषण को कम करने के जिन पर आम जनता अमल कर लाभ उठा सकती है:
प्रदूषण की मार से बीमार होने की बजाए अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर घर पर आराम करें तब तक जब तक प्रदूषण का स्तर कम करने लायक ना हो जाये।
कार या मोटरसाईकल चाहे वह जिस भी ईंधन से चलती हो का प्रयोग बंद कर दें।
5-7 किलोमीटर की यात्रा पैदल या साईकल से करें।
लम्बी दूरी की यात्रा के लिए बस, मेट्रो या रेल की सेवाएं लें।
आफिस के खिड़की दरवाजे खुले रखें औऱ AC का प्रयोग बिल्कुल ना करें।
अगर आफिस की दूरी घर से 5 किलोमीटर के दायरे में है तो आफिस पैदल जाएं, आएं।
सभी प्रकार के निर्माण कार्य बंद कर दें।
अगर आपके आसपास कोई प्रदूषण फैलाने वाला उद्योग है तो उन्हें कुछ दिन के लिए उस उद्योग को बंद करने के लिए कहें।
बीमारी से तडफ़ तडफ़ कर मरने से अच्छा है स्वस्थ जीवन जियो,
अब मर्जी आपकी है
ज़्यादा विकास विकास चिल्लाओगे तो प्रदूषण प्रदूषण भी चिल्लाने के लिए तैयार रहो।
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