एक जाट था. उसकी पत्नी रोज एक ही जगह पर उसे खड़ा कर के उसे रोज दो जूती मारती थी
गाँव वाले जाट को ताऊ कहा करते थे. वह अपनी पत्नी कि रोज कि आदत से परेशान होकर घर छोड़ कर चला गया. वह एक बनिए के घर कम करने लगा. अब उसकी पत्नी जिस जगह पर उसे जूते
मारती थी वहीं पर वह जाट के न होते हुए भी रोज जूते मारती थी. उस जगह पर गड्डा होने लगा था. उस गड्डे में एक हड्डी दबी हुई थी.जिसमे कि एक भूत था.अब रोज उस भूत को जूते खाने पड़ते थे. वह सोचता था कि कब हड्डी टूटे और मैं कब इसमें से निकल कर भाग जाऊं. एक दिन वह हड्डी
टूट गई और वह भूत निकल कर भाग गया. भूत सीधा जाट के पास पहुंचा. वह जाट से बोला कि तू
तो यहाँ आराम से रहता है और मुझे जूते खाने पड़ते हैं. जाट बोला मैं तो यहाँ भी ऐसा ही हूँ.
भूत बोला क्यों क्या हुआ? इस पर जाट ने बताया कि सारा दिन काम करता हूँ फिर भी इतना नहीं
मिलता है. भूत बोला मैं तुझे एक बात बताता हूँ.जैसा मैं कहूँ वेसा करना. जाट ने कहा ठीक है.
भूत ने बताया कि मैं बनिए के लड़के के शरीर में घुस जाऊंगा.मुझे कोई भी निकलेगा मैं नहीं
निकलूंगा पर जब तू कहेगा तो मैं निकल जाऊंगा. फिर मैं किसी दूसरे शरीर में घुस जाऊंगा तो मुझे
उसमे से निकने के लिए मत कहना वर्ना मैं तेरी गर्दन तोड़ दूंगा. जाट ने कहा ठीक है. इतना कहकर भूत बनिए के लड़के के शरीर में घुस गया.बनिए ने बहुत इलाज करवाया. बहुत झाड़-फूंक वाले बुलाये मगर उसमे से भूत न निकला.जाट ने बनिए से कहा कि मैं इसे निकाल सकता हूँ.मगर
तुम मुझे बहुत सा पैसा देना. बनिए ने उसकी बात मन ली. पूजा का बंदोबस्त करवाया गया. जाट के कहने पर भूत निकाल कर भाग गया और राजा के बेटे के शरीर में घुस गया.बनिए ने ये बात सरे में फैला दी. जब राजा को यह बात पता चली तो उसने जाट को बुलवाया.राजा ने कहा या
तो मेरे बेटे को ठीक कर दे वर्ना मैं तुझे मार दूंगा. तब उसे भूत की कही बात याद आई कि वह उसकी गर्दन तोड़ देगा.दोनों तरफ मौत खड़ी थी लेकिन जाट ने हिम्मत नहीं हारी .उसने सोचा मरना तो है ही फिर भी एक बार करके देखता हूँ. उसने पूजा का सामान मंगाया . एक पुतला बनाया. और लड़के को बुलाया गया. जाट ने पहले तो पूजा की फिर भूत से बोला भाग ले यहाँ से ताई जूती लेकर आ रही है.
इतना सुनकर भूत वहां से भाग गया.जाट की जान बच गयी.