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Tuesday, June 28, 2011

jokes

आज 
मालिक  आलसी नोकर  से - यहाँ   इतने मच्छर      भुन  भुन    कर  रहे हैं | जा कर  उन्हें  मार |थोड़ी   देर बाद .....
मालिक -मैंने  तुझे मच्छर   मारने के लिए     कहा   था |लेकिन   अभी  भी मच्छर  गुनगुन   कर    रहे  हैं |
मच्छर  क्यों  नहीं मारे   |नोकर -मालिक  मच्छर   तो मैंने    मार   दिए   थे|ये  तो  उनकी   बिबिया हैं |
जो  बिधवा  हो गई हैं और विलाप कर रही हैं.

SONE KE AAM

एक राजा था. उसके तीन पुत्र थे. राजा के महल के पास एक बहुत बड़ा तालाब था.उस तालाब के किनारे एक सोने के आम का पेड़ था. हर वर्ष उस पर कुछ सोने के आम लगते थे. राजा उन आमों
को अपने राजकोष में रखवा देता था. इस प्रकार राजा के पास बहुत सारे सोने के आम हो गए थे. राजा बहुत धनवान हो गया था. वह  अपनेपुत्रोंको अपनी संपत्ति बराबर हिस्सों में बाटना चाहता था. किन्तु  
प्रति वर्ष सोने के आम देने  वाले पेड़ को किसी एक होनहार राजकुमार को देना चाहता था. किन्तु वह ये पता करने में असमर्थ था कि कौन सा पुत्र होनहार है. 
एक बार राजा के सोने के आम वाले पेड़ से मात्र पाँच आम प्राप्त हुए.  राजा कोइसकी  जानकारी हुई तो  राजा ने अपने सिपाही बाग में तैनात कर दिए. सैनिक चोर का पता नहीं लगा पाए. अतः राजा दुखी हो गया. उसने अपने तीनों पुत्रों को यह बात बताई.
राजा के बड़े पुत्र ने कहा कि मैं चोर का पता लगाऊंगा. बड़ा लड़का रात को चला गया. कई दिन हो गये
लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.न बिचले बेटे को कोई सुराग मिला. इस पर छोटा बेटा चला गया.
वह रात को छुपकर बैठ गया. उसने पता लगाया कि एक हंसों का एक जोड़ा रोज उनके आम ले जाता था.उन्होंने हंसों को पकड़ 
लिया और रजा ने आम के पेड़ छोटे बेटे के हिस्से में दे दिए. 

Sunday, June 26, 2011

MAHARAJA RANJEET SINGH

एक बार की बात है महाराजा रणजीत सिंह अपना वेश बदलकर सारे राज्य में घूम कर यह देखने जा रहे थे , की मेरे राज्य में कोई दुखी तो नहीं है . महाराजा रणजीत सिंह के एक आँख नहीं थी, परन्तु किसी को यह भी नहीं मालूम था की, राजा की कौन सी आँख नहीं है. कोई भी व्यक्ति उनके सामने सिरउठाकर भी नहीं देखता था
जब राजा आगे बढे चले जा रहे थे ,तो कहीं से एक पत्थर आकर उनके सिर पर लग गया, सिर से खून बहने लगा. राजा ने आदेश दिया की जिसने मेरे पत्थर मारा है उसे पकड़कर मेरे सामने लाओ .
सैनिक एक महिला को पकड़ कर लाये , जो तीन दिनों से भूखी थी तथा बेर के पेड़ से बेर तोड़कर खा रही थी. पत्थर उसे ने मारा था. राजा ने पूछा कि- क्या तुमने मेरे पत्थर मारा है ?
महिला ने राजा को सच सच बता दिया कि पत्थर उसी ने मारा है . उसने बताया कि- मैं तीन दिनों से भूखी हूँ . भूख को सहन न कर पाने के कारण मैंने एक पेड़ देखा , जिस पर बेर लगे थे . मैंने बेर तोड़ने के लिए जैसे ही पत्थर पेड़ पर फेंका पत्थर आपके लग गया. 
महाराजा को बहुत दुख हुआ , उन्होंने अपने सैनिकों से कहा कि इस महिला को खाना दो तथा इस महिला को महल में ले चलो. यह सुनकर सैनिकों ने राजा से पूछा कि आपने इस महिला को दंड क्यों नहीं दिया?
राजा ने कहा कि दंड इसे नहीं हम सबको मिलना चाहिए . हमारे राज्य में यह तीन दिन से भूखी है ,हमने कोई ध्यान ही नहीं दिया.  
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JAT KE THAT

एक जाट  था. उसकी पत्नी रोज एक ही जगह पर उसे खड़ा कर के उसे रोज दो जूती मारती थी
गाँव वाले जाट को ताऊ कहा करते थे. वह अपनी पत्नी कि रोज कि आदत से परेशान होकर घर छोड़ कर चला गया. वह एक बनिए के घर कम करने लगा. अब उसकी पत्नी जिस जगह पर उसे जूते
मारती थी वहीं पर वह जाट के न होते हुए भी रोज जूते मारती थी. उस जगह पर गड्डा होने लगा था. उस गड्डे में एक हड्डी दबी हुई थी.जिसमे कि एक भूत था.अब रोज उस भूत को जूते खाने पड़ते थे. वह सोचता था कि कब हड्डी टूटे और मैं  कब इसमें से निकल कर भाग जाऊं. एक दिन वह हड्डी
टूट गई और वह भूत निकल कर भाग गया. भूत सीधा जाट के पास पहुंचा.  वह जाट से बोला कि तू
तो यहाँ आराम से रहता है और मुझे जूते खाने पड़ते हैं. जाट बोला मैं तो यहाँ भी ऐसा ही हूँ.
भूत बोला क्यों क्या हुआ? इस पर जाट ने बताया कि सारा दिन काम करता हूँ फिर भी इतना नहीं
मिलता है. भूत बोला मैं तुझे एक बात बताता हूँ.जैसा मैं कहूँ वेसा करना. जाट ने कहा ठीक है.
भूत ने बताया कि मैं बनिए के लड़के के शरीर में घुस जाऊंगा.मुझे कोई भी निकलेगा मैं नहीं
निकलूंगा पर जब तू कहेगा तो मैं निकल जाऊंगा. फिर मैं किसी दूसरे शरीर में घुस जाऊंगा तो मुझे
उसमे से निकने के लिए मत कहना वर्ना मैं तेरी गर्दन तोड़ दूंगा. जाट ने कहा ठीक है. इतना कहकर भूत बनिए के लड़के के शरीर में घुस गया.बनिए ने बहुत इलाज करवाया. बहुत झाड़-फूंक वाले बुलाये मगर उसमे से भूत न निकला.जाट ने बनिए से कहा कि मैं इसे निकाल सकता हूँ.मगर
तुम मुझे बहुत  सा पैसा देना. बनिए ने उसकी बात मन ली. पूजा का बंदोबस्त करवाया  गया. जाट के कहने पर भूत निकाल कर भाग गया और राजा के बेटे के शरीर में घुस गया.बनिए ने ये बात सरे में फैला दी. जब राजा को यह बात पता चली तो उसने जाट को बुलवाया.राजा ने कहा या 
तो मेरे बेटे को ठीक कर दे वर्ना मैं तुझे मार दूंगा. तब उसे भूत की कही बात याद आई कि वह उसकी गर्दन तोड़ देगा.दोनों तरफ  मौत खड़ी थी लेकिन जाट ने हिम्मत नहीं हारी .उसने सोचा मरना तो है ही फिर भी एक बार करके देखता हूँ. उसने पूजा का सामान मंगाया . एक पुतला बनाया. और लड़के को बुलाया गया. जाट ने पहले तो पूजा की फिर भूत से बोला भाग ले यहाँ से ताई जूती लेकर आ रही है.
इतना सुनकर भूत वहां से भाग गया.जाट की जान बच गयी. 

Monday, June 20, 2011

WHO RULES INDIA

India is now ruled by..Amma in South;Didi in East;Bhenji in North;Aunty in the Capital;Madam in Center;Nani on top (the president)
& "
Wife At Home"

And yet people say.. It’s a Man's World???


Contributed by : Shri Anil Khatri
 

Sunday, June 19, 2011

EARTHQUAKE

आज दिल्ली में ११ बजकर ५६ मिनट पर भूकंप के हलके झटके महसूस किये गए . भूकंप की तीव्रता  अभी सरकारी एजेंसियों से प्रतीक्षित है.

Friday, June 17, 2011

ABHIMANI GULAB

अनु के घर के सामने एक बगीचा था.माली एक गुलाब का गमला लाया और गेंदे के गमले के पास रख दिया.पहले तो वो दोनों चुप रहे,लेकिन बाद में गुलाब से न रहा गया. गुलाब ने गेंदे से कहा भाई  केसे हो ? गेंदे ने कहा मैं अच्छा हूँ ? तुम अपने बारे में बताओ. गुलाब  ने  कहा मैं बहुत ही सुंदर हूँ . सब लोग मुझे बहुत पसंद करते  हैं . चाचा नेहरु भी मुझे बहुत पसंद करते थे . वे हमेशा मुझे अपने साथ रखते थे. गेंदे ने कहा तुम अपने परिवार के सदस्य के बारे में भी तो बताओ.गुलाब ने कहा ये हैं तना मैं इसके ऊपर रहता हूँ अगर ये टूट जाएँ तो मैं कहीं का नहीं  रहूँगा. ये हैं  जड़े ये मिटटी से ढकी रहती हैं. ये हर समय सोती रहतीं हैं मिटटी चादर ओढ़कर.
वैसे ये कुछ खास नहीं. गेंदे ने कहा की बूढों का आशीर्वाद ही काफी होता हैं.ये हैं पत्तियां .ये टूट कर गिर जातें
हैं वैसे भी जब ये हरी होतीं हैं तो भी इन्हें कोई पसंद नहीं करता हैं.(गुलाब ने घमंड से कहा ) इस पर गेंदे  ने कहा कि मुझे तो इनका कटाव बहुत अच्छा लगता हैं. गुलाब ने कहा खेर छोड़ो इन्हें अब मैं तुम्हे
अपने अगले सदस्य से मिलवाता हूँ. ये हैं काटें. इन्हें तो कोई भी पसंद नहीं करता हैं. ये न किसी से
दोस्ती करते हैं और न इनसे कोई दोस्ती करना चाहता हैं. (गुलाब ने पूरे घमंड से कहा)
तभी एक बालक को अपनी ओर आते देखा तो गुलाब ने कांटे से कहा कि कांटे भाई मुझे बचा लो
तब कांटे ने कहा पता चल गई अपनी औकात. गुलाब ने बहुत निवेदन किया. बालक गुलाब को तोड़ने जा ही रहा था कि कांटे उसके अंगुली में चुभ गया.बालक वहाँ से चला गया. बाद में गुलाब ने जड़ तना पत्ती व काटें से माफ़ी मांगी.गेंदे के सामने उसका सर शर्म से झुक गया.
 

Wednesday, June 15, 2011

MR. GIRISH KUMAR

श्री गिरीश कुमार ज. स केन्द्रोया रेसेर्वे पोलिसे बल में उप निरीक्षक के पद पर तैनात हा . मूलतय वे केरला के रहने वाले है परन्तु उनकी पिता भारतीय सेना में तैनात थे इसलिए उनका पालन पोषण व् शिक्षा दीक्षा उत्तर भारत में हुई. गिरीश कुमार बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति है. गिरीश कुमार को सिगरेट पिने का बहुत चस्का है. वे दिन में ३ से ४ बार सिगरेट पीते है. दोपहर का खाना खाने के बाद तो उन्हें सिगरेट अवश्य ही चाहिए. कई बार तो ऐसा लगता है की वे सिगरेट के लिए बने है. उनके सिगरेट पार्टनर है श्री गुरुप्रसाद जी. श्री गुरुप्रसाद जी भी केंद्रीय रेसेर्वे पोलिसे बल में उप निरीक्षक है लेकिन इवे उत्तराखंड के रहने वाले है और वर्तमन में दिल्ली के प्रिसिध ग्रेअटर कैलाश में अपना घर बना लिए है इस्कान मंदिर के पास और वहीँ पर रहते है. 

गिरीश कुमार के बातूनी पार्टनर है श्री रवि शंकर सोती, रविशंकर सोती जी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले है. सोती जी शुक्रवार को दिल्ली से देहरादून तथा रविवार को देहरादून से दिल्ली की यात्रा करते है. कभी मिलने हो तो उनसे इस यात्रा के दौरान मिला जा सकता है. सोती जी भी बहुमुखी प्रतिभा के धनि है और सट्टे मरने में उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता. सोती जी  दिन भर मोबाइल पर बतिआते रहते है. पिचले हफ्ते में उनका मोबाइल फ़ोन ख़राब हो गया था इसीलिए उन्होंने नोकिया का नया मोबाइल ख़रीदा है.  सोती जी कंजूस इतने है की नोकिया का जो सबसे सस्ता मोबाइल है वोही ख़रीदा है जबकि उनके पास धन की कोई कमी नहीं है और उनकी पत्नी भी अध्यापन का कार्य करती है और बहुत सा पैसा कमाती है. फिर भी सोती जी ने मोबाइल खरीदने की पार्टी आज तक नहीं दी. जबकि गुरुप्रसदजी ने तो नए जूते ख़रीदे और अगले दिन ही पार्टी देदी.