एक राजा था. उसके तीन पुत्र थे. राजा के महल के पास एक बहुत बड़ा तालाब था.उस तालाब के किनारे एक सोने के आम का पेड़ था. हर वर्ष उस पर कुछ सोने के आम लगते थे. राजा उन आमों
को अपने राजकोष में रखवा देता था. इस प्रकार राजा के पास बहुत सारे सोने के आम हो गए थे. राजा बहुत धनवान हो गया था. वह अपनेपुत्रोंको अपनी संपत्ति बराबर हिस्सों में बाटना चाहता था. किन्तु
प्रति वर्ष सोने के आम देने वाले पेड़ को किसी एक होनहार राजकुमार को देना चाहता था. किन्तु वह ये पता करने में असमर्थ था कि कौन सा पुत्र होनहार है.
लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.न बिचले बेटे को कोई सुराग मिला. इस पर छोटा बेटा चला गया.
वह रात को छुपकर बैठ गया. उसने पता लगाया कि एक हंसों का एक जोड़ा रोज उनके आम ले जाता था.उन्होंने हंसों को पकड़
लिया और रजा ने आम के पेड़ छोटे बेटे के हिस्से में दे दिए.
को अपने राजकोष में रखवा देता था. इस प्रकार राजा के पास बहुत सारे सोने के आम हो गए थे. राजा बहुत धनवान हो गया था. वह अपनेपुत्रोंको अपनी संपत्ति बराबर हिस्सों में बाटना चाहता था. किन्तु
प्रति वर्ष सोने के आम देने वाले पेड़ को किसी एक होनहार राजकुमार को देना चाहता था. किन्तु वह ये पता करने में असमर्थ था कि कौन सा पुत्र होनहार है.
एक बार राजा के सोने के आम वाले पेड़ से मात्र पाँच आम प्राप्त हुए. राजा कोइसकी जानकारी हुई तो राजा ने अपने सिपाही बाग में तैनात कर दिए. सैनिक चोर का पता नहीं लगा पाए. अतः राजा दुखी हो गया. उसने अपने तीनों पुत्रों को यह बात बताई.
राजा के बड़े पुत्र ने कहा कि मैं चोर का पता लगाऊंगा. बड़ा लड़का रात को चला गया. कई दिन हो गये लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.न बिचले बेटे को कोई सुराग मिला. इस पर छोटा बेटा चला गया.
वह रात को छुपकर बैठ गया. उसने पता लगाया कि एक हंसों का एक जोड़ा रोज उनके आम ले जाता था.उन्होंने हंसों को पकड़
लिया और रजा ने आम के पेड़ छोटे बेटे के हिस्से में दे दिए.
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