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Friday, December 18, 2015

बुढ़िया

बुढ़िया चला रही थी चक्की, पूरे साठ वर्ष की पक्की। 

दोने में थी रखी मिठाई, उस पर उड़ मक्खी आई

बुढ़िया बाँस उठाकर दौड़ी, बिल्ली खाने लगी पकौड़ी।


बुढ़िया झपटी  घर के अंदर, कुत्ता भागा रोटी लेकर।

बुढ़िया तब फिर निकली बाहर, बकरा घुसा तुरंत ही भीतर।


बुढ़िया चली गिर गया मटका, तब तक वह बकरा भी सटका।

बुढ़िया बैठ गई तब थककर, सौंप दिया बिल्ली को ही घर।

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